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Sunday 19 June 2016

तफ़सीरे अशरफी


हिस्सा~15
*​​सूरए बक़रह, पारह-01​*​
*ﺑِﺴْـــــــﻢِﷲِﺍﻟﺮَّﺣْﻤَﻦِﺍلرَّﺣِﻴﻢ*
*الصــلوة والسلام‎ عليك‎ ‎يارسول‎ الله ﷺ*

*​आयत ①①_तर्जुमह*
और जब भी कहा गया उनके भलेको, के न फसाद डालो ज़मिनमे। बोले के हम ही तो दुरस्ती करनेवाले है।

*तफ़सीर*
और जब भी कहा गया यहूदियो वगैरा से उन्ही के भलेको के अमन व अमां से रहो के न फसाद डालो अपनी ज़मिनमे और आबादीमे। तो जवाब में बोले के हम तो अमन के हामी और लीडर, और वतन की दुरस्ती करने वाले है।

*​आयत ①②_तर्जुमह*
सुनलो के बेशक वही फसादी है। लेकिन वो महसूस नही करते।

*तफ़सीर*
खबरदार, सुनलो के बेशक वही और वही फसादी है गड़बड़ मचाते रहते है। लेकिन वो महसूस नही करते। सूज बुज़ बिलकुल नही रखते। जानवर क्या ? पथ्थर की तरह बिलकुल स्थिर है।
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​DEEN-E-NABI ﷺ​
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