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Monday 27 June 2016

तफ़सीरे अशरफी


हिस्सा~23
*सूरए बक़रह_पारह-01*
*بِسْــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ*
*الصــلوة والسلام‎ عليك‎ ‎يارسول‎ الله ﷺ*

*आयत ②②_तर्जुमह*
जिसने बनाया तुम्हारे लिये ज़मीनको फर्श और आसमान को कुब्बह, और उतारा आसमान से पानीको। फिर निकाले उससे कई फल, ग़िज़ा तुम्हारे लिये। तो न बनाओ अल्लाह के लिये मुद्दे मुक़ाबिल, जब के तुम खूब जान रहे हो।

*तफ़सीर*
ये तुम्हारा परवरदिगार ही है, जिसने बनाया अपने लिये नही, उसे क्या ज़रूरत है? बल्कि तुम्हारे लिये अपने करमसे ज़मीनको फर्श बनाया, के सारी ज़मीन तुम्हारी आँखों के सामने बिछी हुई है।
और आसमान को कुब्बह बे-सुतून का गुम्बद और फिर करम पर करम है के बरसाया बादलो को बना कर आसमान की तरफ से पानी को।
और इतना ही नही, बल्कि फिर पैदा फ़रमाया उस बारिश से तरह तरह के मुख़्तलिफ़ फल, ताके खाना और मोहय्या फरमा दे तुम्हारे लिये।
तो समजदारी से काम लो और हरगिज़ न बनाओ अपनी मनघडत से अल्लाह के लिये कोई भी बराबरी वाला जब के तुम खुद भी अच्छी तरहसे खूब जान रहे हो के ख़ालिक़ की बराबरी का कोई मख्लूक़ हो ही नहीं सकता। और जिसको तुम बराबरी वाला बनाए हो, सब अल्लाह तआला ही की मख्लूक़ है।
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