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Friday 8 July 2016

नमाज़ के अहकाम

*क़ज़ा नमाज़ का तरीका*
*بِسْــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ*
*الصــلوة والسلام‎ عليك‎ ‎يارسول‎ الله ﷺ*

*_फ़ज्र व असर के बाद नवाफ़िल नही पढ़ सकते_*
नमाज़े फ़ज्र और असर के बाद वो तमाम नवाफ़िल अदा करना मकरुहे तहरिमि है, अगर्चे फ़ज्र व असर की सुन्नते ही क्यू न हो।
*✍🏽दुर्रेमुखतार 2/44*

क़ज़ा के लिये कोई वक़्त मुअय्यन नही उम्र में जब भी पढ़ेगा बरियूज़्ज़िम्मा हो जाएगा। मगर तुलुअ व गुरुब और ज़वाल के वक़्त नमाज़ नहीं पढ़ सकता कि इन वक़्तों में नमाज़ जाइज़ नही।
*✍🏽बहारे शरीअत 1/702*
*✍🏽आलमगिरी 1/52*
*✍🏽नमाज़ के अहकाम 254*
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