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Sunday 31 July 2016

मुर्दे की बेबसी

*ज़ालिम वालिदैन की भी इताअत*
*بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ*
*اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ*

     माँ बाप की ना फ़रमानी करने वालो को घबरा कर तौबा कर लेनी और वालिदैन से मुआफ़ी मांग कर उन को राज़ी कर लेना चाहिए। वरना कहिके न रहोगे।
     हुज़ूरﷺ का फरमान है : जिसने इस हाल में सुबह की, कि अपने माँ बाप का फरमा बरदार है, उसके लिए सुब्ह ही को जन्नत के दो दरवाज़े खुल जाते है और माँ बाप में से एक ही हो तो एक दरवाज़ा खुलता है
     और जिसने इस हाल में शाम की, कि माँ बाप के बारे में अल्लाह عزوجل  की ना फ़रमानी करता है उसके लिये सुबह ही को जहन्नम के दो दरवाज़े खुल जाते है और और माँ बाप में से एक हो तो एक दरवाज़ा खुलता है।
     एक शख्स ने अर्ज़ की : अगर्चे माँ बाप उस पर ज़ुल्म करे। फ़रमाया : अगर्चे ज़ुल्म करे, अगर्चे ज़ुल्म करे, अगर्चे ज़ुल्म करे।
*✍🏽शोएबुल ईमान 6/206*

     अगर वालिदैन ख़िलाफे शरीअत हुक्म दे तो इस बात में उनकी फरमा बरदारी न की जाए। मसलन हराम रोज़ी कमा कर लाने या दाढ़ी मुंडाने का हुक्म दे तो ये बाते न मानी जाए, गुनाह की बातो में माँ बाप की फरमा बरदारी करने वाला गुनाहगार और जहन्नम का हक़दार होगा।
*✍🏽मुर्दे की बेबसी 19*
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खादिमे दिने नबी ﷺ *मुहम्मद मोईन*
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