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Wednesday 27 July 2016

मुर्दे की बेबसी

*चार बे बुन्याद दावे*
हिस्सा-04
*بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ*
*اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ*

*_चौथा दावा एक दिन मरना पड़ेगा_*
     यक़ीनन हमे एक दिन मरना पड़ेगा ये तस्लीम करने के बा वुजुद अफ़सोस सद करोड़ अफ़सोस ! ज़िन्दगी का अंदाज़ ऐसा है गोया कभी मरना ही नही। देखिये !
     हज़रते हसन बसरी अलैरहमा "हमे एक दिन मरना पड़ेगा" के दावे की अमली तस्वीर थे, इनकी ज़िन्दगी का अंदाज़ ये था कि हर वक़्त इस तरह सहमे रहते थे जैसे इन्हें सज़ाए मौत सूना दी गई हो।
*अहयाउल उलूम 4/231*
     जिसको आज कल ब्लेक वॉरंट कहते है। हाला की इन मानो में हर एक के लिये ब्लेक वॉरंट जारी  हो चूका है कि जो भी पैदा हुवा है उसे मरना ही पड़ेगा, हर जानदार पैदा होने से क़ब्ल ही गोया "हिट लिस्ट" पर आ चूका है, यानी पैदा होने से पहले ही, उसकी रोज़ी और उम्र का तअय्युन हो गया बल्कि इसके दफ़्न होने की जगह भी मुक़र्रर हो चुकी।
     रेहमे मादर में इन्सान का पुतला बनाने के लिये फ़रिश्ता ज़मीन के उस हिस्से से मिट्टी लाता है जहा ये बन्दा उम्र गुज़ारने में बाद मर कर दफ़्न होगा।
*✍🏽मुर्दे की बेबसी 10*
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