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Monday 25 July 2016

*इस्लाम का दुष्प्रचार ही इस्लाम के फैलने की वजह बना जानें कैसे*

     जितना इस्लाम का दुष्प्रचार किया गया शायद ही किसी और मजहब या धर्म का किया गया हो और ये सिलसिला आज से नहीं जब से जब इस्लाम के शांतिदूत मोहम्मदﷺ को नावुवत मिली थी उस दिन से था जिसके बाद सबसे पहले खुद कुरैश कवीले वालों ने इस्लाम का दुष्प्रचार किया  यहाँ तक की इस्लाम को बदनाम करने के साधनों को जुटाया गया.

*जितना ज़्यादा इस्लाम का दुष्प्रचार किया ये उतनी तेज़ी से फैलता चला गया*
     लोगों ने सोचा इस्लाम को वक़्त रहते ख़त्म कर दिया जाये मगर इसका असर उसके विपरीत हुआ उस ज़माने में जिस जगह इस्लाम को ज्यादा बदनाम किया गया इस जगह इस्लाम उतनी ही तेजी से फैला जब उस समय लोगो द्वारा इस्लाम को और मोहम्मदﷺ  को झूठा कहा गया
     जब लोगों को इस्लाम को करीब से जानने की उत्सुकता बढ़ती चली गई जिसके बाद जो इस्लाम को करीब से जान लेता था तो वह इस्लाम कुबूल कर लेता था.
     क्योकि बात थी सत्य और असत्य की क्योकि इस्लाम शांति और अमन का मजहब है इस्लाम एक ऐसा मजहब धर्म है जिसमे मर्द, औरत, बच्चा, बूढा, जवान, दोस्त, रिश्तेदार, सभी को इस्लाम ने हक़ दिया गया है इस्लाम अपने आप ने संपुर्ण है.
     आज जिस तरह इस्लाम को बदनाम करने के लिए कुछ लोगों द्वारा भरपूर कोशिश की जा रही है इस्लाम को बदनाम करने के लिए सभी साधनों का उपयोग किया जा रहा है जिसके फलस्वरूप आज अपनी तेजी से इस्लाम फ़ैल रहा है, क्योकि सोशल मिडिया पर सबसे ज्यादा इस्लाम का दुष्प्रचार देखने में आया है.

*इस्लाम को जानने की उत्सुकता लोगों के अंदर बड़ी*
     इस्लाम को जानने की उत्सुकता लोगों के अंदर बड़ी जिस तरह बार बार हर बुरी घटना का जिम्मेदार इस्लाम को ठहराया गया है उस से लोगो के अंदर इस्लाम को करीब से जानने की उत्सुकता बड़ी है और जिसने इस मजहब को समझा, दीवान होता नज़र आया है.

राजेंद्र नारायण लाल
M. A (इतिहास)
अपने एक लेख में इन सब बातों का उल्लेख करते हुए
इस्लाम को सिद्ध ईश्वरीय व्यबस्था बताया
*mytodayweb.com, hindi news*
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