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Sunday 31 July 2016

मदनी पंजसुरह

*सूरतुल इख्लास के फ़ज़ाइल*
*بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ*
*اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ*

     हुज़ूरﷺ ने फ़रमाया : तुममे से कोई शख्स रात में तिहाई क़ुरआन क्यू नही पढ़ता ? सहाबए किराम ने अर्ज़ किया कोई शख्स तिहाई क़ुरआन कैसे पढ़ सकता है ? इरशाद फ़रमाया : सूरए इख्लास तिहाई क़ुरआन के बराबर है।
*✍🏽सहीह मुस्लिम 405*

     हुज़ूरﷺ ने इरशाद फ़रमाया : जो शख्स 10 मर्तबा सूरए इख्लास पढ़ेगा अल्लाह उसके लिये जन्नत में एक महल बनाएगा। हज़रते उमरرضي الله تعالي عنه ने अर्ज़ किया : या रसूलल्लाहﷺ ! फिर तो हम इसे कसरत से पढ़ा करेंगे। आपﷺ ने फ़रमाया : अल्लाह बहुत ज़्यादा अता फरमाने वाला और पाक है।
*✍🏽मस्नूद इमाम अहमद बिन हम्बल 5/308*

     हज़रते अबू हुरैराرضي الله تعالي عنه फरमाते है की में हुज़ूरﷺ के साथ कहि जा रहा था की आप ने किसी शख्स को सूरए इख्लास पढ़ते हुए सुना तो आप ने इरशाद फ़रमाया : वाजिब हो गई। मेने अर्ज़ किया : या रसूलल्लाहﷺ ! क्या चीज़ वाजिब हो गई ? फ़रमाया जन्नत।
*✍🏽मदनी पंजसुरह 121*
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खादिमे दिने नबी ﷺ *मुहम्मद मोईन*
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