Pages

Sunday 14 August 2016

मदनी पंजसुरह

*दुरुद शरीफ के फ़ज़ाइल*
*بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ*
*اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ*

     हुज़ूरﷺ ने फ़रमाया : जिसने मुझ पर एक मर्तबा दुरुदे पाक पढ़ा अल्लाह उस पर 10 रहमते नाज़िल फ़रमाएगा और उसके लिये 10 नेकिया लिखेगा और उस के 10 दरजात बुलंद फ़रमाएगा और 10 गुनाह मिटा देगा।
*✍🏽मुअजमुल कबीर, 22/190*

     नबीए अकरमﷺ ने फ़रमाया : हर जुमुआ के दिन मुझ पर दुरुदे पाक की कसरत किया करो बेशक मेरी उम्मत का दुरुदे हर जुमुआ के दिन मुझ पर पेश किया जाता है, (क़यामत के दिन) लोगो में से मेरे ज़्यादा क़रीब वही शख्स होगा जिसने दुन्या में मुझ पर ज़्यादा दुरुद पढ़ा होगा।
*✍🏽सननुल कबीर, 3/353*

     सरकारﷺ का फरमान है : ऐ लोगो ! बेशक तुम में से बरोज़े क़यामत उस की दहशतो और हिसाब किताब से जल्द नजात पाने वाला वो शख्स जोगा जिसने दुन्या में मुझ पर कसरत से दुरुद पढ़ा होगा।

     आक़ाﷺ का फरमाने रहमत निशान है : मुझ पर कसरत से दुरुद पढ़ो बेशक तुम्हारा मुझ पर दुरुद पढ़ना तुम्हारे गुनाहो के लिये मग्फिरत है।
*✍🏽अलजामि-अलसगिर, 87*
*✍🏽मदनी पंजसुरह, 164*
___________________________________
📮Posted by:-
*​DEEN-E-NABI ﷺ*
💻JOIN WHATSAPP
📲+91 955 802 9197
📧facebook.com/deenenabi
📧Deen-e-nabi.blogspot.in

No comments:

Post a Comment