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Wednesday 24 August 2016

मदनी पंजसुरह

*दिन व दुन्या की भलाइयों वाली दुआ* #03
*بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ*
*اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ*

*_घर से निकलते वक़्त की दुआ_*
*بِسْمِ اللّٰهِ تَوَكَّلْتُ عَلَى اللّٰهِ لَا حَوْلَ وَلَا قُوَّةَ اِلَّا بِاللّٰهِ*
अल्लाह के नाम से, में ने अल्लाह पर भरोसा किया, गुनाह से बचने की क़ुव्वत और नेकी करने की ताक़त अल्लाह ही की तरफ से है।
*✍🏽सुनन अबी दाऊद, 4/420*

*_घर में दाखिल होते वक़्त की दुआ_*
اَللّٰهُمَّ اِنِّىْٓ اَسْئَلُكَ خَيْرَ الْمَوْلَجِ وَخَيْرَ الْمَخْرَجِ بِسْمِ اللّٰهِ وَلَجْنَا وَبِسْمِ اللّٰهِ خَرَجْنَا وَعَلَى اللّٰهِ رَبِّنَا تَوَكَّلْنَا*
ऐ अल्लाह ! में तुझसे दाखिल होने और निकलने की जगहों की भलाई तलब करता हु, अल्लाह के नाम से हम अन्दर दाखिल हुए और अल्लाह के नाम से बाहर निकले और हम ने अपने रब अल्लह पर भरोसा किया।
*✍🏽सुनन अबी दाऊद, 4/421*
*✍🏽मदनी पंजसुरह, 204*

*नॉट :* जिन हजरात तो अरबी नही आती वो तर्जुमा याद करले और उसे पढ़े। और जो अरबी जानते है वो तर्जुमे को जहन में रखे ताकि पता चले की हम क्या पढ़ रहे है, ये दुआ में क्या है। अपनी मादरी ज़बान में दुआ पढ़ना बेहतर है।
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