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Wednesday 10 August 2016

मदनी पंजसुरह

*नमाज़ के बाद पढ़े जाने वाले अवराद*
हिस्सा-01
*بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ*
*اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ*

     पाचो वक़्त की नमाज़ों के बाद ये अवराद पढ़ लीजिये। हर विर्द के अव्वल आंखिर दुरिद शरीफ पढ़ लीजिये।

       (1) *आयतुल कुर्सी* एक बार पढ़ने वाला मरते ही दाखिले जन्नत हो।
*✍🏽मिश्कात, 1/197*

21) *اَللّٰهُمَّ اَعِنِّى عَلٰى ذِكْرِكَ وَشُكْرِكَ وَحُسْنِ عِبَادَتِكَ*
*तर्जुमह :* ऐ अल्लाह ! तू अपने ज़िक्र, अपने शुक्र और और अपनी इबादत करने पर मेरी मदद फरमा।
*✍🏽सुनन इब्ने दाऊद, 2/123*

(3) *اَسْتَغْفِرُ اللّٰهَ الَّذِىْ لَا اِلٰهَ اِلَّا هُوَ الْحَىُّ الْقَيُّوْمُ وَاَتُوْبُ اِلَيْهِ*
*तर्जुमह :* में अल्लाह से मुआफ़ी मांगता (मांगती) हु जिस के सिवा कोई मअबूद नही वो ज़िन्दा है क़ाइम रखने वाला है और उस की बारगाह में तौबा करता (करती) हु।
इसे 3-3 बार पढे उसके गुनाह मुआफ़ हो अगर्चे वो मैदाने जिहाद से भागा हुवा हो।
*✍🏽तिर्मिज़ी, 5/336*

     (4) तस्बिहे फातिमा :
*سُبْحَانَ اللّٰهِ* 33 बार
*الْحَمْدُ لِلّٰهِ* 33 बार
*اَللّٰهُ اَكْبَرُ* 33
बार ये 99 हुए, आखिर में
*لَا اِلٰهَ اِلَّا اللّٰهُ وَحْدَهُ لَاشَرِيْكَ لَهُ، لَهُ الْمُلْكُ وَلَهُ الَحَمْدُ وَهُوَ عَلٰى كُلِّ شَىْءٍ قَدِيْرٌ*
एक बार पढ़ कर 100 का अदद पूरा करले, तो पढ़ने वाले के गुनाह बख्श दिये जाएंगे अगर्चे समुन्दर के झाग के बराबर हो।
*✍🏽मदनी पंजसुरह, 158*
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खादिमे दिने नबी ﷺ, *मुहम्मद मोईन*
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