*सब्रो-शुक्रकी फज़िलत:*
*بِسْــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ*
*الصــلوة والسلام عليك يارسول الله ﷺ*
हज़रत कुत्बे रब्बानी गौसुस्समदानी رضي الله تعالي عنه ने फरमाया: जब उसरत (मुफलिसी,दुस्वारी) व नादानीकी कैफियत में तुम्हारे दिलमें निकाहकी ख्वाहीश पैदा हो और तुम इस बोज़को बरदाश्त करनेके काबिल भी न हो तो खुदावन्द करीमसे खुशहालीकी दुआ करो। उसीकी कुदरतने इन्सान के अंदर ये ख्वाहीश पैदा की है, वही रब्बे तआला या तो उसके अस्बाब पैदा करेगा या तुम्हारी ख्वहिश को खत्म कर देगा। उसीकी तरफ तवज्जो मबजूल (मसरूफ) रखोगे तो तुम्हें उसके लिये न दुनियामें मुशक्कत उठानी पडेगी, न आखेरतमें तकलीफ होगी।
बाक़ी कल की पोस्ट में... इंसा अल्लाह
*✍🏽फुतूहल ग़ैब* पेज 27
___________________________________
खादिमे दिने नबी ﷺ
*फ़ैयाज़ सैय्यिद*
📮Posted by:-
*DEEN-E-NABI ﷺ*
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