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Wednesday 7 September 2016

शाने खातुने जन्नत फतिमातुज़्ज़हरा

#04
*بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ*
*اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ*

*_अल्काबात की वजहे तस्मिया_*

*_ज़हरा यानि जन्नत की कली_*
     शारेहे मिश्कात, हकीमूल उम्मत मुफ़्ती अहमद यार खान नईमी अलैरहमा आपرضي الله تعالي عنها के नाम और लक़ब की वजह बयान करते हुए फरमाते है : अल्लाह तआला ने जनाबे फातिमाرضي الله تعالي عنها, आप की अवलाद, आप के मुहिब्बीन को दोज़ख़ की आग से दूर किया है इस लिए आप का नाम "फातिमा" हुआ। चुंकि आप दुनिया में रहते हुए भी दुनिया से अलग थी लिहाज़ा "बतुल" लक़ब हुआ, "ज़हरा" ब मा'ना कली, आपرضي الله تعالي عنها जन्नत की कली थी हत्ता की आप की कभी ऐसी कैफ़ियत न हुई जिससे ख़वातीन दो चार होती है और आप के जिस्म से जन्नत की खुश्बू आती थी जिसे हुज़ूरﷺ सुंघा करते थे। इस लिए आपرضي الله تعالي عنها का लक़ब "ज़हरा"हुआ।"
*✍🏽मिरातुल मनाजिह, 8/542*

*_ताहिरा व ज़ाकिया_*
     इस का मतलब है: "पाको साफ़"। चूंकि आपرضي الله تعالي عنها बचपन ही से अपने बाबाजान रहमते आलमﷺ की नज़रे रहमत और फैजान से ज़ाहिरी और बातिनी तहारत व् पाकी हासिल कर चूँकि थी हत्ता की आप हैज़ व निफ़ास से भी मुनज़्ज़ा व मुबर्रा (यानि पाक साफ) थी जैसा की हज़रते सय्यिदुना अल्लामा अलाउद्दीन अली मुत्तक़ी हिन्दी अलैरहमा खतूने जन्नत की शाने अज़मत निशान में हदिष ए पाक नक़्ल करते है कि : मक्की मदनी आका, वालीदे माजीदे ज़हराﷺ ने इरशाद फ़रमाया : "मेरी बेटी फातिमा इंसानी शक्ल में हूरों की तरह हैज़ व निफ़ास से पाक है।
*✍🏽कन्ज़ुल उम्माल, 6/12*
*✍🏽शाने खातुने जन्नत, 22*
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