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Sunday 18 September 2016

शाने खातुने जन्नत फतिमातुज़्ज़हरा

#05
*بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ*
*اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ*

*_फ़ज़ाइले बतुल ब ज़बानें रसूल_*
*_जो कुछ तेरी ख़ुशी है खुदा को  वोही  अज़ीज़_*
     खातामुल मुरसलीनﷺ ने हज़रते सय्यिदुना फातिमाرضي الله تعالي عنها से फ़रमाया : "तुम्हारे गज़ब से ग़ज़बे इलाही होता है और तुम्हारी रिज़ा से रिज़ाए इलाही।"
*✍🏽अलमुस्तदरक लिल्हाकिम, 4/137*
*_हम को है वोह पसंद जिसे आए तू पसंद_*
     दिलबरे आमिनाﷺ ने इरशाद फ़रमाया : "फातिमाرضي الله تعالي عنها मेरे जिस्म का हिस्सा (टुकड़ा) है जो इसे ना गवार वोह मुझे ना गवार, जो इसे पसन्द वह मुझे पसन्द। रोज़े क़ियामत सिवाए मेरे नसब, मेरे सबब और मेरे अज़्दवाज़ी रिश्तो के तमाम नसब मुनकतेअ(यानि ख़त्म) हो जाएंगे।"
*✍🏽अलमुस्तदरक लिल्हाकिम, 4/144*
*_जिगर गौशए रसूल_*
     अल्लाह के मेहबूबﷺ का इरशाद है : फातिमाرضي الله تعالي عنها तमाम जहानों की औरतों और सब जन्नती औरतो की सरदार है। माजिद फ़रमाया : फातिमाرضي الله تعالي عنها मेरा टुकड़ा है जिस ने इसे नाराज़ किया उसने मुझे नाराज़ किया।" और एक रिवायत में है : इनकी परेशानी मेरी परेशानी और इन की तकलीफ मेरी तकलीफ है।
*✍🏽मिस्कातुल मसाबिह, 2/436*

     ज़िक्र कर्दा रिवायत से पता चला की अल्लाह ने हज़रते सय्यिदतुना फातिमतुज़्ज़हराرضي الله تعالي عنها की जाते मुक़द्दसा को फ़ज़ाइले हमीदा व कमालाते कषिरा से सरफ़राज़ फ़रमाया हत्ता की आप की ख़ुशी को अपनी खुशी और आप की नाराज़ी को अपनी नाराज़ी करार दिया. यहां उन बद नसीबो के लिए मक़ामे गौर है जो सैय्यदाए कायनातﷺ या आपﷺ की अवलादे पाक की गुस्ताखियां करते और आपﷺ की नाराज़ी मौल ले कर उखरवी तबाही का सामान करते है।
     अहले बैत की तारीफ़ व तौसीफ करने वालों के लिये जन्नत के बागात है और ए अहले बैत के दुश्मनों ! तुम्हारे लिए दोज़ख़ की बिशारत है।
     खुश नसीब है वोह लोग जो अहले बैत किराम से मह्ब्बत करते है और अल्लाह व रसूलﷺ की रिज़ा पाते है क्यूंकि वालिदे फातिमातुज़्ज़हरा व आले फातिमा से महब्बत व अकीदत है और जिसे खुश किस्मती से रसूले पाक की रिज़ा हासिल हो गई उसे रब्ब ता'अला की रिज़ा मिल गई।

     दोनों जहां दुनिया व आख़िरत खुदा की ख़ुशनूदी के ख़्वाहा है और रब्ब त'आला हुज़ूरﷺ को खुश रखना चाहता है जैसा कि इरशाद फरमाता है :
और बेशक करीब है कि तुम्हारा रब्ब तुम्हे इतना देगा की तुम राज़ी हो जाओगे।
*✍🏽पारह 30*
*✍🏽शाने खातुने जन्नत, 26*
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