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Tuesday 4 October 2016

*सवानहे कर्बला​* #05
*بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ*
*اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ*

*इमाम की जनाब में कुफियो की दरख्वास्ते*
     यज़ीदियो कि कोशिशो से अहले शाम से जहां यज़ीद की तख्तगाह थी यज़ीद की राए मिल सकी और वहा के बाशिन्दों ने उस की बैअत की। अहले कूफा अमीरे मुआवियाرضي الله تعالي عنه के ज़माने ही में हज़रते इमाम हुसैनرضي الله تعالي عنه किं खिदमत में दरख्वास्ते भेज रहे थे, तशरीफ़ आवरी की इलतीजाए कर रहे थे लेकिन इमाम ने साफ़ इनकार कर दिया था।
     अमीरे मुआवियाرضي الله تعالي عنه की वफ़ात और यज़ीद की तख्त नशीनी के बाद अहले इराक़ की जमाअतो ने मुत्तफ़िक़ हो कर इमामرضي الله تعالي عنه की खिदमत में दरख्वास्त भेजी और इन में अपनी नियाज़ मन्दी व जज़्बाते अक़ीदत व इख्लास का इज़हार किया और हज़रते इमामرضي الله تعالي عنه पर अपने जानो माल फ़िदा करने की तमन्ना ज़ाहिर की।
     इस तरह के इल्तिज़ानामो और दरख्वास्तो का सिलसिला बंध गया और तमाम जमाअतो और फिरको की तरफ से 150 से करीब अर्जियां हज़रते इमामे आली मक़ाम की खिदमत में पहुची, कहा तक इगमाज़ किया जाता और कब तक आप के अख़लाक़ जवाबे खुश्क की इजाज़त देते ? ना चार आप ने अपने चचाज़ाद भाई हज़रते मुस्लिम बिन अक़ीलرضي الله تعالي عنه की रवानगी तजवीज़ फ़रमाई।

बाक़ी अगली पोस्ट में.. انشاء الله
*✍🏽सवानहे कर्बला, 116*
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