*गुस्से का इलाज* #03
*بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ*
*اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ*
_*गुस्से का अ -मली इलाज*_
गुस्से का अ-मली इलाज़ इस तरह हो सकता है की गुस्सा पी जाने और दर गुज़र से काम लेने के फजाइल से आगाही हासिल करे, जब कभी गुस्सा आए इन फ़ज़ाइल पर गौरों फ़िक्र कर के गुस्से को पीने की कोशिश् करे, बुख़ारी शरीफ मे है, एक श्ख्स ने बारगाहे रिसालत मे अर्ज़ की, या रसूलल्लाहﷺ ! मुझे वसिय्यत फरमाइये । इर्साद फ़रमाया: "गुस्सा मत करो"
*✍🏽सहीह बुखारी, 4/141*
_*जन्नत की बिशारत*_
हज़रते सय्यिदुना अबू दर्दा कहते है, कि मै ने अर्ज़ की, या रसूलल्लाहﷺ ! मुझे कोई ऐसा अमल इर्साद फरमाइये जो मुझे जन्नत मै दाख़िल कर दे, सरकारे मदीना, करारे कल्बो सीनाﷺ ने इर्साद फ़रमाया : गुस्सा न करो, तो तुम्हारे लिये जन्नत है।
*✍🏽मउजम्मल जवाइद, 8/134*
*_ताकत वर कौन ?_*
बुखारी मे है : "ताकत वर वोह नहीं जो पहलवान हो दूसरे को पछाड़ दे बल्कि ताक़त वर वोह है जो गुस्से के वक़्त अपने आप को काबू मे रखे।"
*✍🏽सहिह बुखारी, 4/130*
*_गुस्सा पीने की फ़ज़ीलत_*
कन्जुल उम्माल मे है : सरकारे मदीनए मुनव्वरह, सुल्ताने मककए मुकर्रमाﷺ का फ़रमाने मुअज्जम है : जो गुस्सा पी जाएगा हाला कि वोह नाफ़िज़ करने पर कुदरत रखता था तो अल्लाह क़ियामत के दिन उस के दिल को अपनी रिज़ा से मामूर फ़रमा देगा। गुस्से का एक इलाज़ येह भी है कि गुस्सा लाने वाली बातो के मौकाअ पर बुज़ुर्गाने दीन के तर्ज़े अमल और इन की हिकायात को जेहन में दोहराए.
*✍🏽गुस्से का इलाज, 9*
___________________________________
खादिमे दिने नबीﷺ *आकिब वहोरा*
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*DEEN-E-NABI ﷺ*
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गुस्से का अ-मली इलाज़ इस तरह हो सकता है की गुस्सा पी जाने और दर गुज़र से काम लेने के फजाइल से आगाही हासिल करे, जब कभी गुस्सा आए इन फ़ज़ाइल पर गौरों फ़िक्र कर के गुस्से को पीने की कोशिश् करे, बुख़ारी शरीफ मे है, एक श्ख्स ने बारगाहे रिसालत मे अर्ज़ की, या रसूलल्लाहﷺ ! मुझे वसिय्यत फरमाइये । इर्साद फ़रमाया: "गुस्सा मत करो"
*✍🏽सहीह बुखारी, 4/141*
_*जन्नत की बिशारत*_
हज़रते सय्यिदुना अबू दर्दा कहते है, कि मै ने अर्ज़ की, या रसूलल्लाहﷺ ! मुझे कोई ऐसा अमल इर्साद फरमाइये जो मुझे जन्नत मै दाख़िल कर दे, सरकारे मदीना, करारे कल्बो सीनाﷺ ने इर्साद फ़रमाया : गुस्सा न करो, तो तुम्हारे लिये जन्नत है।
*✍🏽मउजम्मल जवाइद, 8/134*
*_ताकत वर कौन ?_*
बुखारी मे है : "ताकत वर वोह नहीं जो पहलवान हो दूसरे को पछाड़ दे बल्कि ताक़त वर वोह है जो गुस्से के वक़्त अपने आप को काबू मे रखे।"
*✍🏽सहिह बुखारी, 4/130*
*_गुस्सा पीने की फ़ज़ीलत_*
कन्जुल उम्माल मे है : सरकारे मदीनए मुनव्वरह, सुल्ताने मककए मुकर्रमाﷺ का फ़रमाने मुअज्जम है : जो गुस्सा पी जाएगा हाला कि वोह नाफ़िज़ करने पर कुदरत रखता था तो अल्लाह क़ियामत के दिन उस के दिल को अपनी रिज़ा से मामूर फ़रमा देगा। गुस्से का एक इलाज़ येह भी है कि गुस्सा लाने वाली बातो के मौकाअ पर बुज़ुर्गाने दीन के तर्ज़े अमल और इन की हिकायात को जेहन में दोहराए.
*✍🏽गुस्से का इलाज, 9*
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