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Thursday 5 January 2017

*नमाज़ की सुन्नते* #02
*بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ*
*اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ*

*_क़याम की सुन्नते_*
     *मर्द :*नाफ़ के निचे सीधे हाथ की हथेली उलटे हाथ की कलाई के जोड़ पर, छुनगलिया और अंगूठा कलाई के अगल बगल और बाक़ी उंगलिया हाथ की कलाई की पुश्त पर रखे.

     *औरत :* उलटी हथेली सीने पर छाती के निचे रख कर उस के ऊपर सीधी हथेली रखिये।
   
     फिर सना
     फिर तअव्वुज़ यानी आऊज़ो और तस्मिया यानि बिस्मिल्लाह पढ़ना।
     इन तीनो को एक दूसरे के फौरन बाद कहना। इन सब को आहिस्ता पढ़ना।
आमीन कहना, इसे भी आहिस्ता कहना।

     तकबीरे ऊला के फौरन बाद सना पढ़ना (नमाज़ में तअव्वुज़ व तस्मिया किराअत के ताबे है और मुक्तदि पर किराअत नहीं लिहाज़ा तअव्वुज़ व तस्मिया भी मुक्तदि के लिये सुन्नत नहीं। हा जिस मुक्तदि की रकअत फौत हो गई हो वो अपनी बाक़ी रकअत अदा करते वक़्त दोनों को पढ़े।

     तअव्वुज़ सिर्फ पहली रकअत में है और तस्मिया हर रकअत के शुरू में सुन्नत है।

*✍🏽नमाज़ के अहकाम, 174*
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*​DEEN-E-NABI ﷺ*
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