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Tuesday 24 January 2017

*नमाज़ के मकरुहाते तहरीमि* #03
*بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ*
*اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ*

*_उंगलिया चटखाना_*
     नमाज़ में उंगलिया चटखाना, हज़रते अल्लामा इब्ने आबिदीन शामी रहमतुल्लाह अलैह फरमाते है : इब्ने माजह की रिवायत है कि हुज़ूर ने फ़रमाया : नमाज़ में अपनी उंगलिया न चतखाया करो।
*✍🏽सुनन इब्ने माजह, जी.1 स.514 हदिष: 965*
     मजीद एक रिवायत में है " नमाज़ के लिये जाते हुए उंगलिया चटखाने से मना फरमाया। इन अहादीस मुबारका से ये 3 अहकाम साबित हुए।
1⃣नमाज़ के दौरान और नमाज़ के लिये जाते हुए, नमाज़ का इंतज़ार करते हुए उंगलिया चटखाना मकरुहे तहरीमि है।
2⃣ख़ारिजे नमाज़ में बिगैर हाजत के उंगलिया चटखाना मकरुहे तन्ज़िहि है।
3⃣ख़ारिजे नमाज़ में किसी हाजत के सबब मसलन उंगलियो को आराम देने के लिये उनगलिया चटखाना मुबाह (बिला कराहत जाइज़) है
*✍🏽दुर्रे मुख्तार, रद्दल मोहतार, जी.1 स.409*
     तशबिक यानि एक हाथ की उंगलिया दूसरे हाथ की उंगलियो में डालना।
     हुज़ूर ने फ़रमाया, जो मस्जिद के इरादे से निकले तो तशबिक यानी एक हाथ की उंगलिया दूसरे हाथ की उंगलियो में न डाले बेशक वो नमाज़ के हुक्म में है।
*✍🏽मस्नद इमाम अहमद बिन हम्बल, जी.6 स.320*
     नमाज़ के लिये जाते वक़्त और नमाज़ के इंतज़ार में भी ये दोनों चीज़े मकरुहे तहरीमि है।

*_कमर पर हाथ रखना_*
     कमर पर हाथ रखना नमाज़ के इलावा भी बिला उज़्र कमर पर (यानि दोनों पहलुओ के वस्त में) हाथ नहीं रखना चाहिए।
*✍🏽दुर्रे मुख्तार, रद्दल मोहतार, जी.2 स.494*
     अल्लाह के महबूब ﷺ फरमाते है : कमर पर हाथ रखना जहन्नमियो की राहत है।
*✍🏽अलसुनन अलकबीर, जी.2 स.408 हदिष:3566*
     यानी ये यहूदियो का फेल है कि वो जहन्नमी है वरना जहन्नमियो के लिये जहन्नम में क्या राहत है !
*✍🏽हाशिया बहारे शरीअत, जी.3 स.115*
*✍🏽नमाज़ के अहकाम, स.192*
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मिट जाए गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से,
गर होजाये यक़ीन के.....
*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*
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