Pages

Sunday 22 January 2017

*शाने खातुने जन्नत* #10
*بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ*
*اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ*

*_इबादत हो तो ऐसी..._*
     हज़रते इमामे हसनرضي الله تعالي عنه फरमाते है को मेने अपनी वालिदा फातिमातुज़्ज़हराرضي الله تعالي عنها को देखा की रात को नमाज़ पढ़ती रहती यहाँ तक की नमाज़े फज्र का वक़्त हो जाता, मेने आप को मुसलमान मर्दों और औरतो के लिये बहुत ज़्यादा दुआए करते सुना, आप अपनी ज़ात के लिये कोई दुआ न करती। मेने अर्ज़ की : प्यारी अम्मी जान क्या वजह है की आपرضي الله تعالي عنها अपने लिये कोई दुआ नही करती, फ़रमाया : पहले पड़ोस है फिर घर।

     इस वाक़ये में उन इस्लामी बहनो के लिये कई नसीहत के मदनी फूल है जो नवाफ़िल तो दर कनार फराइज़ से भी गफलत बरतती है। दो जहां के ताजदार की साहिबज़ादी खातुन जन्नतرضي الله تعالي عنها ने तो राते इबादतें इलाही में गुज़ारी मगर इन की, मगर इनकी राते गफलत में गुज़रती है, कभी गुनाहो भरे चेनल्ज़ के सामने फिल्मो ड्रामे देखते, कभी कभी शादी के मौके पर खूब ढोल पीटने, बाजे बजाते और डांस करते गुज़रती है। बे हयाई को आर समझती है न बे पर्दगी से खार खाती है। हालांकि फातिमा का पर्दे का इस क़दर मदनी ज़ेहन की जीते जी ही नही बल्कि सफरे आख़िरत पर गामज़न होते वक़्त भी इस के बारे में मुतफक्किर थी और इस की पाबंदी की ताकीद फ़रमाई।

*_बीबी फ़ातेमा के जनाज़े का भी पर्दा_*
     हज़रते अलियुल मुर्तज़ाكَرَّمَ اللّٰهُ تَعَالٰى وَجْهَهُ الْكَرِيْم फरमाते है : हज़रते फातिमतुज़्ज़हराرضي الله تعالي عنها ने मौत के वक़्त वसिय्यत फ़रमाई थी की जब में दुन्या से रुखसत हो जाउ तो रात में दफन करना ताकि किसी गैर मर्द की नज़र मेरे जनाज़े पर न पड़े।
*✍🏽मदारिजु नुबूव्वत, 2/624*
*✍🏽शाने खातुन जन्नत, 41*
*___________________________________*
मिट जाए गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से,
गर होजाये यक़ीन के.....
*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*
*___________________________________*
*​DEEN-E-NABI ﷺ*
💻JOIN WHATSAPP
📲+91 95580 29197
📧facebook.com/deenenabi
📧Deen-e-nabi.blogspot.in

No comments:

Post a Comment