Pages

Sunday 19 March 2017

*मुबारक महीने* #12
*بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ*
*اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ*

*रमज़ानुल मुबारक* #04
*_हर शब् 60000 की बख्शिश_*
     हज़रते अब्दुल्लाह इब्ने मसऊद رضي الله تعالي عنه से रिवायत है की हुज़ूर ﷺ ने फ़रमाया : रमज़ान शरीफ की हर शब् आसमानों में सुबहे सादिक़ तक एक मुनादी ये निदा करता है, "ऐ अच्छाई मांगने वाले ! अल्लाह की इताअत की तरफ आगे बढ़ और खुश हो जा। और ऐ शरीर ! शर से बाज़ आ जा और इबरत हासिल कर।
*है कोई मगफिरत का तालिब !* की उसकी तलब पूरी की जाए।
*है कोई तौबा करने वाला !* की उसकी तौबा क़बूल की जाए।
*है कोई दुआ मांगने वाला !* की उसकी दुआ क़बूल की जाए।
*है कोई साइल !* की उसका सवाल पूरा किया जाए।
     अल्लाह तआला रमज़ानुल मुबारक की हर शन में इफ्तार के वक़्त 60000 गुनाहगारो को दोज़ख से आज़ाद फरमा देता है। और ईद के दिन सारे महीने के बराबर गुनाहगारो की बख्शिश की जाती है
*दुर्रे मंसूर, 1/446*

     मदीने के दीवानो ! रमज़ानुल मुबारक की जलवा गरी तो क्या होती है, हम गरीबो के वारे न्यारे हो जाते है। अल्लाह के फ्ज़लो करम से रहमत के दरवाज़े खोल दिये जाते है और खूब मगफिरत के परवाने तक़सीम होते है। काश ! हम गुनाहगारो को ब तुफेले माहे रमज़ान, सरवरे कौनो मकान के रहमत भरे हाथो जहन्नम से रिहाई का परवाना मिल जाए।
*✍🏽मदनी पंजसुरह, 345*
*___________________________________*
मिट जाए गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से,
गर होजाए यक़ीन के.....
*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*
*___________________________________*
*​DEEN-E-NABI ﷺ*
💻JOIN WHATSAPP
📲+91 95580 29197
📧facebook.com/deenenabi
📧Deen-e-nabi.blogspot.in

No comments:

Post a Comment