Pages

Wednesday 29 March 2017

*30 गलतिया* #02
*بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ*
*اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ*

★ गुमराहों की सोहबत में उठना बैठना।
★ कोई अमले सालेह की तलक़ीन करे तो उस पर ध्यान न देना।
★ खुद हराम व हलाल का ख्याल न करता और दुसरो को भी इस राह पर लगाना।
★ झूटी क़सम खा कर झूट बोल कर धोका दे कर अपनी तिजारत को फरोग देना।
★ इल्मे दिन और दीनदारी को इज़्ज़त न समझना।
★ खुद को दुसरो से बेहतर समझना।
★ फ़क़ीरों और साइलो को अपने दरवाज़े से धक्का दे कर भगा देना।
★ ज़रूरत से ज़्यादा बात चीत करना।
★ अपने पड़ोसियों से बिगाड़ रखना।
★ बादशाहो और अमीरो की दोस्ती पर ऐतिबार करना।
★ ख्वाह म ख्वाह किसी के घरेलू मुआमलात में दखल देना।
★ बगैर सोचे समझे बात करना।
★ तिन दिन से ज़्यादा किसी का मेहमान बनना।
★ अपने घर का भेद दुसरो पर ज़ाहिर करना।
★ हर शख्स के सामने अपने दुख दर्द बयान करना।
*✍🏽जन्नती ज़ेवर, 557*
*✍🏽मदनी पंजसुरह, 363*
*___________________________________*
मिट जाए गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से,
गर होजाए यक़ीन के.....
*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*
*___________________________________*
*​DEEN-E-NABI ﷺ*
💻JOIN WHATSAPP
📲+91 95580 29197
📧facebook.com/deenenabi
📧Deen-e-nabi.blogspot.in

No comments:

Post a Comment