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Thursday 20 April 2017

*बात चीत करने के सुन्नते और आदाब* #01
*بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ*
*اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ*

     इस ज़िन्दगी में हमें हर वक़्त बात चीत करने की ज़रूरत पड़ती है। बल्कि हम लोग बिला ज़रूरत भी हर वक़्त बोलते रहते है हालांकि बिना ज़रूरत बहुत ही नुकसान देह है, गैर ज़रूरी गुफ्तगू करने से खामोश रहना अफज़ल है। लिहाज़ा हमारे प्यारे आक़ा صلى الله عليه وسلم की बात चीत के सीलसिले में सुन्नते और आदाब और ख़मोशी के फ़ज़ाइल वगैरा बयांन किये जाते है।

     सरकारे मदीना صلى الله عليه وسلم गुफ्तगू इस तरह दिल नशीन अंदाज़ में ठहर ठहर कर फरमाते की सुनने वाला आसानी से याद कर लेता चुनांचे हज़रते आइशा सिद्दीका رضي الله عنها फरमाती है की हुज़ूर صلى الله عليه وسلم साफ साफ और जुदा जुदा कलाम फरमाते थे, हर सुनने वाला उसको याद करलेता था।

बाक़ी अगली पोस्ट में..أن شاء الله
*✍🏽सुन्नते और आदाब, 30*
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मिट जाए गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से,
गर होजाए यक़ीन के.....
*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*
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*​DEEN-E-NABI ﷺ*
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