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Monday 10 April 2017

*फैज़ाने इसाले षवाब* #10
*بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ*
*اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ*

*_ईसाले षवाब के मदनी फूल_* #04
★ दास्ताने अजीब, शहज़ादे का सर, 10 बीवियों की कहानी और जनाबे स्य्यिदह की खानी वगैरा सब मनगड़त किस्से है, इन्हें हरगिज़ न पढ़ा करे। इसी तरह एक पेम्फ्लेट बनाम "वसिय्यत नामा" लोग तकसीम करते है जिस में किसी "शैख़ अहमद" का ख्वाब दर्ज है ये भी जाली है इस के निचे मख़्सूस तादाद में छपवा कर बाटने की फ़ज़ीलत और तक़सीम न करने के नुकसान वगैरा लिखे है इन का भी ऐतिबार न करे।

★ जितनो को भी ईसाले षवाब करे अल्लाह की रहमत से उम्मीद है की सब को पूरा मिलेगा। ये नही की षवाब तक़सीम हो कर टुकड़े टुकड़े मिले।

★ ईसाले षवाब करने वाले के षवाब में कोई कमी नही होती बल्कि ये उम्मीद है की इसने जितनो को इसाले षवाब किया उन सब के मजमुआ के बराबर इस को षवाब मिले। मसलन : कोई नेक काम किया जिस पर इस को 10 नेकी मिली अब इस ने 10 मुर्दो को ईसाले षवाब किया तो हर एक को 10-10 नेकीया पहोची जब की ईसाले षवाब करने वाले को 110 और अगर 1000 को ईसाले षवाब किया तो इस को दस हज़ार दस नेकिया मिली।

★ ईसाले षवाब सिर्फ मुसलमान को कर सकते है। काफ़िर या मुर्तद को ईसाले षवाब करना या इस को मर्हुम कहना कुफ़्र है।
*✍🏽मदनी पंजसुरह, 406*
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मिट जाए गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से,
गर होजाए यक़ीन के.....
*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*
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*​DEEN-E-NABI ﷺ*
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