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Saturday 15 April 2017

*वुज़ू के मकरुहात*
*بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ*
*اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ*

● वुज़ू के लिए नापक जगह बेठना।
● नापाक जगह वुज़ू का पानी गिराना।
● आ'जाए वुज़ू से लौटे वग़ैरा में कतरे टपकना। (मुह धोते वक़्त भरे हुए चुल्लू में उमुमन चेहरे से पानी के कतरे गिरते है इसका ख्याल रखिये)
● किब्ले की तरफ थूक या बलगम डालना या कुल्ली करना।
● बे ज़रूरत दुन्या की बीते करना।
● ज्यादा पानी खर्च करना।
● इतना कम पानी खर्च करना की सुन्नत अदा न हो।
● मुह पर पानी मारना।
● मुह पर पानी डालते वक़्त फुकना।
● एक हाथ से मुह धोना, के रिफ़ाज़ व हुनुद का शीआर है।
● गले का मसह करना।
● उल्टे हाथ से कुल्ली करना या नाक में पानी चढ़ाना।
● सीधे हाथ से नाक साफ करना।
● तिन जदीद पानियों से तिन बार सर का मसह करना।
● धूप के गर्म पानी से वुज़ू करना।
● होठ या आँखे ज़ोर से बंद करना और अगर कुछ सुखा रह गया तो वुज़ू ही न होगा।

★ वुज़ु का हर सुन्नत का तर्क मकरूह है इसी तरह हर मकरूह का तर्क सुन्नत।
*✍🏽बहारे शरीअत, 1/300-301*
*✍🏽नमाज़ के अहकाम, सफा 16-17*
*___________________________________*
मिट जाए गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से,
गर होजाए यक़ीन के.....
*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*
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*​DEEN-E-NABI ﷺ*
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