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Sunday 16 April 2017

*वुज़ू में मेहदी और सुरमे का मसअला*
*بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ*
*اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ*

     औरत के हाथ पाउ पर मेहदी का जिर्म लगा रह गया और खबर न हुई तो वुज़ू व गुस्ल हो जाएगा। हा जब इत्तिलाअ हो छुड़ा कर वहा पानी बहा दे।

    सुरमा आँख के कोने या पलक में रह गया और इत्तिलाअ न हुई ज़ाहिरन हरज नहीं और बादे नमाज़ कोने में महसूस हुवा तो नमाज़ हो गई।
*✍🏽फतावा राज़वीय्या मुखर्रजा, 4/613*
*✍🏽नमाज़ के अहकाम, सफा 23*
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मिट जाए गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से,
गर होजाए यक़ीन के.....
*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*
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*​DEEN-E-NABI ﷺ*
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