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Sunday 21 May 2017

*अहकामे रोज़ा* #01
*بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ*
*اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ*

     अल्लाह का कितना बड़ा करम है की उसने हम पर माहे रमज़ान के रोज़े फ़र्ज़ करके हमारे लिये तक़वा और अपनी रिज़ा जुइ का सामान फरामह किया। अल्लाह पारहा 2 सूरतुल बक़रह की आयत 183 ता 184 में इर्शाद फ़रमाता है :
     ऐ ईमान वालो ! तुम पर  रोज़े फ़र्ज़ किये गए जैसे अगलों पर फ़र्ज़ हुए थे की कहि तुम्हे परहेज़गारी मिले, गिनती के दिन है तो तुम में जो कोई बीमार या सफर में हो तो इतने रोज़े और दिनों में और जिन्हें इस की ताक़त न हो वो बदले में एक मिसकीन का खाना फिर जो अपनी तरफ से नेकी ज़्यादा करे तो वो उस के लिये बेहतर है और रोज़ा रखना तुम्हारे लिये ज़्यादा भला है अगर तुम जानो
*✍🏼फ़ज़ाइले रमज़ान 90*

*📮षवाब की निय्यत से शेर करे*
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मिट जाये गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से,
गर होजाए यक़ीन के.....
*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*
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*​DEEN-E-NABI ﷺ*
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