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Thursday 11 May 2017

*फ़ज़ाइले रमज़ान शरीफ* #03
*بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ*
*اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ*

*पांच खुसूसी करम*
     हज़रत ज़ाबिर बिन अब्दुल्लाह رضي الله عنه से रिवायत है कि हुज़ूर صلى الله عليه وسلم फरमाते है : मेरी उम्मत को माहे रमज़ान में 5 चीज़े ऐसी अता की गई जो मुझ से पहले किसी नबी को न मिली :
1. जब रमज़ान की पहली रात होती है तो अल्लाह उनकी तरफ रहमत की नज़र फ़रमाता है और जिस की तरफ अल्लाह नज़रे रहमत फरमाए उसे कभी भी अज़ाब न देगा।
2. शाम के वक़्त ऊन में मुह की बू (जो भूक की वजह से होती है) अल्लाह के नज़दीक मुश्क की खुशबु से भी बेहतर है।
3. फ़रिश्ते हर रात और दिन उन के लिये मगफिरत की दुआए करते रहते है।
4. अल्लाह जन्नत को हुक्म फ़रमाता है, मेरे नेक बन्दों के लिये आरास्ता हो जा अन क़रीब वो दुन्या की मशक़्क़त से मेरे घर और करम में राहत पाएंगे।
5. जब माहे रमज़ान की आखरी रात आती है तो अल्लाह सब की मगफिरत फरमा देता है।
     क़ौम में से एक शख्स ने खड़े हो कर अर्ज़ की, या रसुल्लाह صلى الله عليه وسلم क्या ये लैलतुल क़दर है ? इर्शाद फ़रमाया नही, क्या तुम नही देखते की मज़दूर जब अपने कामो से फारिग हो जाते है तो उन्हें उजरत दी जाती है।
*✍🏽अत्तरगिब् वत्तरहिब, 2/56, हदिष:7*
*✍🏽फैजाने रमज़ान शरीफ, 11*

*📮षवाब की निय्यत से शेर करे*
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मिट जाये गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से,
गर होजाए यक़ीन के.....
*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*
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