*नूर का खिलौना*
*بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ*
*اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ*
जिस चाँद पर साइन्स दान अब पहोचने का दावा कर रहा है वो चाँद तो मेरे प्यारे आक़ा ﷺ के ताबे फरमान है।
चुनान्चे "दलाइलुननुबूव्व्ह" में है : सुल्ताने दो जहां صلى الله عليه وسلم के चचाजान हज़रते अब्बास बिन अब्दुल मुत्तलिब رضي الله تعالي عنه फ़रमाते है : मेने बारगाहे रिसालत में अर्ज़ की : या रसूलुल्लाह ﷺ ! मेने आप के बचपन में ऐसी बात देखि जो आप की नबुव्वत पर दलालत करती थी और मेरे ईमान लाने के अस्बाब में से ये भी एक सबब था। चुनान्चे मेने देखा की आप गहवारे (यानि पिंघोड़े) में लेटे हुए चाँद से बाते कर रहे थे और जिस तरफ आप ऊँगली से इशारा फ़रमाते चाँद उसी तरफ हो जाता था।
सरकारे नामदार ﷺ ने फ़रमाया : में उस से बाते करता था और वो मुझसे बाते करता था और मुझे रोने से बहलाता था और में उस के गिरने की आवाज़ सुनता था जब की वो अर्शे इलाही के निचे सज्दे में गिरता था।
*✍🏽दलाइलुननुबूव्वत जी.2, स. 41*
आला हज़रत रहमतुल्लाह अलैह फ़रमाते है :
चाँद झुक जाता जिधर ऊँगली उढ़ाते महद में
क्या ही चलता था इशारो पर खिलौना नूर का
एक महब्बत वाले ने कहा है :
खेलते थे चाँद से बचपन में आक़ा इस लिये
ये सरापा नूर थे वो था खिलौना नूर का....
*✍🏽नमाज़ के अहकाम, सफा 66-67*
*📮षवाब की निय्यत से शेर करे*
*___________________________________*
मिट जाये गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से,
गर होजाए यक़ीन के.....
*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*
*___________________________________*
*DEEN-E-NABI ﷺ*
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सरकारे नामदार ﷺ ने फ़रमाया : में उस से बाते करता था और वो मुझसे बाते करता था और मुझे रोने से बहलाता था और में उस के गिरने की आवाज़ सुनता था जब की वो अर्शे इलाही के निचे सज्दे में गिरता था।
*✍🏽दलाइलुननुबूव्वत जी.2, स. 41*
आला हज़रत रहमतुल्लाह अलैह फ़रमाते है :
चाँद झुक जाता जिधर ऊँगली उढ़ाते महद में
क्या ही चलता था इशारो पर खिलौना नूर का
एक महब्बत वाले ने कहा है :
खेलते थे चाँद से बचपन में आक़ा इस लिये
ये सरापा नूर थे वो था खिलौना नूर का....
*✍🏽नमाज़ के अहकाम, सफा 66-67*
*📮षवाब की निय्यत से शेर करे*
*___________________________________*
मिट जाये गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से,
गर होजाए यक़ीन के.....
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