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Saturday 10 June 2017

*फ़ैज़ाने एतिकाफ* #01
بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ
اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ

*_एतिकाफ पुरानी इबादत है_*
     पिछली उम्मतों में भी एतिकाफ की इबादत मौजूद थी। चुनान्चे पारह 1 सूरतुल बक़रह की आयत 125 में इर्शाद होता है...
_और हम ने ताकीद फ़रमाई इब्राहिम व इस्माइल को की मेरा घर खूब सुथरा करो तवाफ़ वालो और एतिकाफ वालो और रुकूअ व सुजूद वालो के लिये।_

*_मस्जिदों को साफ रखने का हुक्म_*
     नमाज़ व एतिकाफ के लिये काबाए मुशर्रफ की पाकीज़गी और सफाई का खुद रब्बे काबा की तरफ से फरमान जारी किया गया है। मुफ़स्सिरे शहीर हकीमुल उम्मत हज़रते मुफ़्ती अहमद यार खान عليه رحما फ़रमाते है : मालुम हुवा की मस्जिदों को पाक साफ़ रखा जाए, वहा गंदगी और बदबूदार चीज़ न लाइ जाए ये सुन्नते अम्बिया है। ये भी मालुम हुवा की एतिकाफ इबादत है और पिछली उम्मतों की नमाज़ों में रुकूअ सुजूद दोनों थे ये भी मालुम हुवा की मस्जिदों का मुतवल्ली होना चाहिये और मुतवल्ली सालेह (परहेज़गार) इंसान होना चाहिये। मज़ीद आगे फ़रमाते है : तवाफ़ व नमाज़ व एतिकाफ बड़ी पुरानी इबादतें है जो ज़मानए इब्राहिम में भी थी।
*✍🏼नुरुल इरफ़ान, 29*
*✍🏼फ़ज़ाइले रमज़ान, 331*

*तमाम मोमिनो के इसले षवाब के लिये*
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मिट जाये गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से,
गर होजाए यक़ीन के.....
*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*
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*​DEEN-E-NABI ﷺ*
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