Pages

Sunday 11 June 2017

*फ़ैज़ाने एतिकाफ* #04
بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ
اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ

*_एतिकाफ की तारीफ़_*
     मस्जिद में अल्लाह की रिज़ा के लिये ब निय्यते एतिकाफ ठहरना एतिकाफ है। इस के लिये मुसलमान का अक़ील और जनाबत और हैज़ो नफास से पाक होना शर्त है। बुलुग शर्त नही ना बालिग़ भी जो तमीज़ रखता है अगर ब निय्यते एतिकाफ मस्जिद में ठहरे तो उस का एतिकाफ सहीह है।
*✍🏼आलमगिरी, 1/211*

*_एतिकाफ के ल्फ़ज़ी माना_*
     एतिकाफ के लुग्वी माना है "धरना मारना" मतलब ये की मोतकिफ अल्लाह रब्बुल इज़्ज़त की बारगाह में उस की इबादत पर कमर बस्ता हो कर धरना मार कर पड़ा रहता है। उस की ये धुन होती है की किसी तरह उस का परवर्दगार उस से राज़ी हो जाए।

*_अब तो गनी के दर पर बिस्तर जमा दिये है_*
     हज़रते अता खुरासानी फ़रमाते है : मोतकिफ की मिसाल उस शख्स की सी है जो अल्लाह के दर पर पड़ा हो और ये कह रहा हो, _या अल्लाह जब तक तू मेरी मगफिरत नही फरमा देगा में यहाँ से नही टलूंगा।_
*✍🏼शोएबुल ईमान, 3/426, हदिष:3970*
*✍🏼फ़ज़ाइले रमज़ान, 341*

*तमाम मोमिनो के इसले षवाब के लिये*
*___________________________________*
मिट जाये गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से,
गर होजाए यक़ीन के.....
*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*
*___________________________________*
*​DEEN-E-NABI ﷺ*
📲JOIN WHATSAPP
📱+91 95580 29197
📧facebook.com/deenenabi
📧Deen-e-nabi.blogspot.in

No comments:

Post a Comment