Pages

Saturday 24 June 2017

*बन्दों के हुक़ूक़* #05
بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ
اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ

*हुक़ूक़ दबाने वालो के लिये जहन्नम है !*
     बन्दों के हुक़ूक़ अदा करना निहायत ज़रूरी है, इस में गफलत बरतना दिनों दुन्या के नुक़्सान का बाइस है। हमारे प्यारे दिन ने बन्दों के हुक़ूक़ की अदाएगी पर बहुत ताकीद की है। बादशाह हो या वज़ीर, अमिर हो या फ़क़ीर, मालिक हो या गुलाम , हुक़ूक़ की अदाएगी के लिये सब को एक ही सफ में खड़ा  कर दिया और जब किसी मुसलमान पर दूसरे मुसलमान का हक़ साबित हो जाए, तो उस हक़ को अदा करने का हुक्म भी इर्शाद फ़रमाया है।
     मगर अफ़सोस ! आज कल गफलत का दौर है, जिस तरह मुसलमानो की एक तादाद हुकुकुल्लाह से गाफिल होती नज़र आ रही है, इसी तरह मुआशरे में बन्दों के हुक़ूक़ को पामाल करना भी बहुत आम होता जा रहा है। मुसलमान अपने अंजाम से बे खौफ हो कर ज़ुल्म व ज़्यादती करने, धमकियां दे कर लोगो से रक़म का मुतालबा करने और उन के माल व जायदाद पर क़ब्ज़ा करने, क़र्ज़ दबा लेने, चोरी, कत्लो गारत गरी जेसे गुनाहो में मुब्तला हो कर दूसरे मुसलमानो के हुक़ूक़ पामाल कर रहे है।
     हालांकि मुसलमान का हक़ दबाना, उसे किसी भी तरह से सताना, उस का दिल दुखना, हराम और जहन्नम में ले जाने वाला काम है। बिला वजह मुसलमानो को सताने के बारे में अल्लाह इर्शाद फ़रमाता है :
_बेशक जिन्होंने इज़ा दी मुसलमान मर्दों और मुसलमान औरतो को फिर तौबा न की उन के लिये जहन्नम का अज़ाब है और उन के लिये आग का अज़ाब।_
पारह 30
*✍🏼बन्दों के हुक़ूक़, 8*

*तमाम मोमिनो के इसले षवाब के लिये*
*___________________________________*
मिट जाये गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से,
गर होजाए यक़ीन के.....
*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*
*___________________________________*
*​DEEN-E-NABI ﷺ*
📲JOIN WHATSAPP
📱+91 95580 29197
📧facebook.com/deenenabi
📧Deen-e-nabi.blogspot.in

No comments:

Post a Comment