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Tuesday 11 July 2017

*सोने जागने की सुन्नते और आदाब* #01
بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ
اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ

     नींद भी एक तरह की मौत है। जब भी हम सो इ लगे तो हमे डर जाना चाहिये की कहि ऐसा न हो की आँख ही न खुले और हमेशा हमेशा के लिये ही सोते रह जाए। लिहाज़ा रोज़ाना सोने से पहले भी अपने गुनाहो से तौबा कर लेनी चाहिये।
     अगर हम सुन्नत के मुताबिक़ दुआए वगैरा पढ़ कर सोए तो أن شاء الله हमे सोने का भी कुछ न कुछ फायदा हासिल हो ही जाएगा।

★ *सोने से पहले बिस्मिल्लाह शरीफ पढ़ कर बिस्तर को तिन बार झाड़ ले* ताकि कोई मुजी शै या कीड़ा वगैरा हो तो निकल जाए।

★ *सोने से पहले ये दुआ पढ़ लेना सुन्नत है।* اللّٰهُمّٙ بِاِسْمِكٙ اٙمُوْتُ وٙاٙحْىٰ
तर्जमा : ऐ अल्लाह ! में तेरे नाम के साथ ही मरता हु और जीता हु। (यानी सोता और जागता हु)

★ *उल्टा यानी पेट के बल न सोए* हज़रते अबू हुरैरा رضي الله عنه से मरवी है की हुज़ूर صلى الله عليه وسلم ने एक शख्स को पेट के बल लेटे हुए देखा तो फ़रमाया : इस तरह लेटने को अल्लाह पसन्द नही फ़रमाता।

बाक़ी अगली पोस्ट में..أن شاء الله
*✍🏼सुन्नते और आदाब, 106*

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मिट जाऐ गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से,
गर होजाए यक़ीन के.....
*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*
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