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Sunday 9 July 2017

*नमाज़ की सुन्नते* #03
بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ
اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ

_*रूकू की सुन्नते*_
"◆ रूकू के लिये "अल्लाहु अक्बर" कहना।
◆ रूकू में 3 बार "सुब्हान रब्बियल अज़ीम" कहना

*मर्द :*
◆ घुटनो को हाथ से पकड़ना और उंगलिया खूब खुली रखना
◆ रूकू में टांगे सीधी रखना (बज़ लोग कमान की तरह टेढ़ी कर लेते है ये मकरूह है)
◆ रूकू में पीठ अच्छी तरह बिछी हो हत्ता की अगर पानी का प्याला पीठ पर रख दिया जाए तो ठहर जाए
◆ सर उचा निचा न हो पीठ की सीध में हो। सरकारे मदीना صلى الله عليه وسلم  फरमाते है " उसकी नमाज़ नाकाफी है जो रूकू व सुजूद में पीठ सीधी नही करता।
     एक और हदिष में फरमाते है की रूकू व सुजूद को पूरा करो खुदा की क़सम में तुम्हे अपने पीछे से देखता हु।

*औरत :*
◆ घुटनो पर हाथ रखना और उंगलिया कुशादा न करना
रूकू में थोडा झुके यानि सिर्फ इतना की हाथ घुटनो तक पहुच जाए
◆ पीठ सीधी न करे और घुटनो पर ज़ोर न दे फक्त हाथ रख दे और हाथो की उनगलिया मिली हुई रखे और पाउ झुके हुए रखे इस्लामी भाइयो की तरह सीधे न कर दे।

◆ बेहतर ये है की "अल्लाहु अक्बर" कहता हुआ रूकू को जाए यानि जब रूकू के लिए झुकना शुरू करे और खत्मे रूकू पर तकबीर खत्म करे।
◆ इस मसाफत को पूरा करने के लिये अल्लाह عزوجل की लाम को बढ़ाए अक्बर की बा वग़ैरा किसी हर्फ़ को न बढ़ाए।

बाक़ी अगली पोस्ट में..ان شاء الله
*✍🏼नमाज़ के अहकाम, सफा 175*

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मिट जाऐ गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से,
गर होजाए यक़ीन के.....
*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*
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