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Thursday 6 July 2017

*सिर्फ एक नेकी चाहिये*
بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ
اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ

     हज़रते इकराम رضي الله عنه से मरवी है, क़यामत के दिन एक शख्स अपने बाप के पास आ कर कहेगा : अब्बू जान !
क्या में आप का फरमा बरदार न था ?
क्या में आप से महब्बत भरा सलूक न करता था ?
क्या में आप के साथ भलाई न करता था ?
आप देख रहे है की में किस मुसीबत में गिरफ्तार हु ! मुझे अपनी नेकियों में से सिर्फ एक नेकी अता कर दीजिये या मेरे गुनाह का बोझ उठा लीजिये।

     बाप कहेगा : मेरे बेटे ! तूने मुझ से जो चीज़ मांगी वो आसान तो है लेकिन में भी उसी चीज़ से डरता हु जिस से तुम डर रहे हो।
     इसके बाद बाप भी बेटे को अपने ऐहसानात याद दिला कर येही मुतालबा करेगा तो बेटा जवाब देगा : आप ने बहुत थोड़ी चीज़ का सुवाल किया है लेकिन मुझे भी उसी बात का खौफ है जिस का आप को डर है।
*✍🏼आसान नेकियां, 1*

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मिट जाये गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से,
गर होजाए यक़ीन के.....
*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*
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*​DEEN-E-NABI ﷺ*
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