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Monday 31 July 2017

*राहे खुदा का मुसाफिर*
بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ
اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ

     फरमाने मुस्तफा صلى الله عليه وسلم : जो शख्स तलबे इल्म के लिये घर से निकला, तो जब तक वापस न हो अल्लाह की राह में है।
*✍🏼خامه الترمذي*

     जो कोई मसअला पूछने के लिये अपने घर से या इल्म की जुस्तजू में अपने वतन से उलमा के पास गया वो भी मुजाहिदे फी सबीलिल्लाह (यानी रहे खुदा में जिहाद करने वाले की तरह) है। गाज़ी की तरह घर लौटने तक उस का सारा वक़्त और हरकत इबादत होगी।
*✍🏼मीरआतुल मनाजिह्, 1/203*
*✍🏼40 फरमाने मुस्तफा, 22*
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मिट जाऐ गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से,
गर होजाए यक़ीन के.....
*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*
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*​DEEN-E-NABI ﷺ*
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