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Monday 28 August 2017

*इमामत का बयान* #04
بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ
اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ

_*जमाअत का बयान*_
★ आकिल, बालिग़, आज़ाद  और क़ादिर पर मस्जिद की जमाअते ऊला वाजिब है बिला उज़्र एक बार भी छोड़ने वाला गुनाहगार और मुसरहिके सज़ा है। और कई बार तर्क करे तो फासिद्।मर्दुदुश्शहादह (यानी उसकी गवाही क़ाबिले क़बूल नहीं) और उसको सख्त सज़ा दी जाए, अगर पड़ोसियों ने खामोशी इख्तियार की तो वो भी गुनाहगार।
*✍🏼दुर्रे मुख्तार व रद्दलमोहतार, 2/287*

★ बाज़ फ़ुक़हाए किराम फरमाते है कि जो शख्स अज़ान सुन कर घर में इक़ामत का इंतज़ार करता है तो वो गुनाहगार होगा और उसकी गवाही क़बूल नहीं।
*✍🏼नमाज़ के अहकाम, स.203*

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मिट जाऐ गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से,
गर होजाए यक़ीन के.....
*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*
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*​DEEN-E-NABI ﷺ*
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