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Wednesday 16 August 2017

*अज़ाबे क़ब्र*
بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ
اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ

     फरमाने मुस्तफा صلى الله عليه وسلم : क़ब्र का अज़ाब हक़ है।
*✍🏼صحيح البخاري*

     अज़ाबे क़ब्र में मुतअल्लिक़ चन्द मसाइल याद रखने चाहिएं
(1) यहाँ क़ब्र से मुराद आलमे बरज़ख है। जिस की इब्तिदा हर शख्स की मौत से है इन्तिहा क़यामत पर, उर्फी क़ब्र मुराद नहीं लिहाज़ा जो मुर्दा दफ़्न न हुवा बल्कि जला दिया गया या डुबो दिया गया या उसे शेर खा गया उसे भी क़ब्र का हिसाब व अज़ाब है।
(2) हिसाबे क़ब्र और है अज़ाबे क़ब्र कुछ और बाज़ लोग हिसाबे क़ब्र में कामयाब होंगे मगर बाज़ गुनाहों की वजह से अज़ाब में मुब्तला, जैसे चुगल खोर और पेशाब के छीटों से न बचने वाला।
(3) काफ़िर को अज़ाबे क़ब्र दाइमी होगा गुनाहगार मोमिन को आरिज़ि।
(4) अज़ाबे क़ब्र रूह को है जिस्म इस के ताबे मगर हशर के बाद वाला अज़ाब व षवाब रूह व जिस्म दोनों को होगा।
*✍🏼मीरआतुल मनाजिह्, 1/125*
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मिट जाऐ गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से,
गर होजाए यक़ीन के.....
*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*
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*​DEEN-E-NABI ﷺ*
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