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Sunday 6 August 2017

*दुआ की अहमिय्यात*
بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ
اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ

     फरमाने मुस्तफा صلى الله عليه وسلم : दुआ इबादत का मग्ज़ है।
*✍🏼तिर्मिज़ी*

     दुआ इबादत का रुकने आला है। दुआ इबादत का मग्ज़ इस ऐतिबार से है की दुआ मांगने वाला हर एक से कनारा कर के अपने रब की बारगाह में मुनाजात करता है।

*✍🏼40 फरमाने मुस्तफा, 32*
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मिट जाऐ गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से,
गर होजाए यक़ीन के.....
*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*
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*​DEEN-E-NABI ﷺ*
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