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Thursday 3 August 2017

*83 आसान नेकियां* #16
بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ
اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ

*_3-ज़िकरुल्लाह करना_* #14

*_वुज़ू के शुरू में بِسْمِ اللّٰهِ وٙالْحٙمْدُ لِلّٰه पढ़ना_*
     अगर हम वुज़ू के शुरू में بِسْمِ اللّٰهِ وٙالْحٙمْدُ لِلّٰه पढ़ लें तो इस काम में चन्द सेकन्डज़ लगेंगे लेकिन जब तक हमारा वुज़ू रहेगा हमारे नामए आमाल में नेकियां लिखी जाती रहेंगी।
     अबू हुरैरा से रिवायत है की हुज़ूर صلى الله عليه وسلم  ने इर्शाद फ़रमाया : ऐ अबू हुरैरा जब तुम वुज़ू करो तो بِسْمِ اللّٰهِ وٙالْحٙمْدُ لِلّٰه कह लिया करो जब तक वुज़ू बाक़ी रहेगा उस वक़्त तक तुम्हारे फिरिश्ते (किरामन कातिबिन) तुम्हारे लिये नेकियां लिखते रहेंगे।

*_वुज़ू के बाद कलिमाए शहादत पढ़ना_*
     वुज़ू के बाद अगर हम आसमान की तरफ निगाह उठा कर कलिमाए शहादत पढ़ लें तो हमारे लिये जन्नत के आठो दरवाज़े खुल जाएंगे, हदिष में है : जिसने अच्छी तरह वुज़ू किया और फिर आसमान की तरफ निगाह उठाई और कलिमाए शहादत पढ़ा उस के लिये जन्नत के आठों दरवाज़े खोल दिये जाते है जिस से चाहे अन्दर दाखिल हो।
*✍🏼سنن دارمى*

बाक़ी अगली पोस्ट में..ان شاء الله
*✍🏼आसान नेकियां, 70*
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मिट जाऐ गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से,
गर होजाए यक़ीन के.....
*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*
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