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Tuesday 19 September 2017

*मुहर्रम कैसे मनाये* #06
بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ
اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ

*_ताज्यादारी और क़ुरआन व हदिष_*
     और उनलोगो से दूर रहो जिन्होंने अपने दिन को खेल तमाशा बना दिया है और उनको दुनिया की ज़िन्दगी ने धोका दे दिया है।
*परा~7, रुकूअ~14*

     जिन लोगोने अपने दिनको खेल तमाशा बना लिया और दुनिया की ज़िन्दगी ने उनको धोकेइ डाल दिया, आज हम उनको छोड़ देंगे जेसे उन्होंने ये दिन (क़यामत) का ख्याल छोड़ रखा है और जो हमारी आयतो से इन्कार करते थे।
*परा~8, रुकूअ~13*

     इन आयतो को देखे तो आज के ताज्यादारी और उर्स के नाम पे जो नाच, तमाशा और कव्वालियां हो रही है वो सब याद आयेगा और इंसाफ की नज़र कहेगी की ये वही लोग है जो इस्लाम को तमाशा बना रख्खा है और मजहब को हँसी खेल का रूप दे दिया है।

     क़ुरआने करीम में अल्लाह ताला जगह जगह पर दर्द और मुसीबत के वक़्त सब्र करने का हुक्म दिया है। ना की रोना, पीटना, चिल्लाना और मातम मनाना।

     हदिष शरीफ में है रसूल صلى الله عليه وسلم ने फ़रमाया ; जो मैयत के गाममे गाल पिटे, गरेवान् फाडे और ज़माने जाहिलियत की तरह चिल्लाये तो वो हम मेसे नहीं।
*सहीह बुखारी 1/173*

     एक और हदिष में आप फरमाते है : अल्लाह ताला ने मुझे ढोल, बाजे और बंसरिओ को मिटाने का हुक्म दिया।
*मिश्कात, 318*
*किताबुल अमारत 3*

     और एक हदिष में आप फरमाते है : मेरी उम्मत में ऐसे लोग होंगे जो ढोल बाजो को हलाल कर लेंगे।
*सहीह बुखारी, 2/387*
*किताबुल अशरीबा*

अल्लाह ताला हमें इन सब बातो से बचाये।
अमिन.......

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मिट जाऐ गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से,
गर होजाए यक़ीन के.....
*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*
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*​DEEN-E-NABI ﷺ*
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