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Wednesday 4 October 2017

*मुसाफिर की नमाज़* #07
ﺑِﺴْـــــــﻢِﷲِﺍﻟﺮَّﺣْﻤَﻦِﺍلرَّﺣِﻴﻢ
الصــلوة والسلام‎ عليك‎ ‎يارسول‎ الله ﷺ

_*औरत के सफर का मसअला*_
     औरत को बैगेर महरम के 3 दिन 92k.m या ज़्यादा की राह जाइज़ नही। ना बालिग़ बच्चा या पागल के साथ भी सफर नही कर सकती, हमराही में बालिग़ महरम या शौहर का होना ज़रूरी है।
*✍🏼आलमगिरी 1/142*

*औरत का सुसराल व मायका*
     औरत बियाह कर सुसराल गई और यही रहने सहने लगी तो मायका इसके लिये वतने असली न रहा यानी अगर सुसराल 92k.m पर है वहा से मयके आई और 15 दिन ठहरने की निय्यत न की तो क़सर पढ़े और अगर मयके रहना नही छोड़ा बल्कि सुसराल आरिज़ि तौर पर गई तो मयके आते ही सफर खत्म हो गया नमाज़ पूरी पढ़े।
*✍🏼बहारे शरीअत 4/84*
*✍🏼नमाज़ के अहकाम 228*

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मिट जाऐ गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से,
गर होजाए यक़ीन के.....
*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*
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*​DEEN-E-NABI ﷺ*
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