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Thursday 5 October 2017

*गुनाहे कबीरा नंबर 14*
بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ
اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ

*_शराब पीना_*
     अल्लाह इर्शाद फ़रमाता है :
_तुम से शराब और जुए का हुक्म पूछते है तुम फरमा दो कि इन दोनों में बड़ा गुनाह है।_
*✍🏼البقرة ٢١٩*

_ऐ ईमान वालो शराब और जुआ और बूत और पांसे नापाक ही है शैतानी काम तो इन से बचते रहना।_
*✍🏼الماىٔدة ٩١،٩٠*

*_शिर्क के बराबर_*
     हज़रते इब्ने अब्बास رضي الله عنه से ये बात साबित है कि आप ने इर्शाद फ़रमाया : जब शराब की हुरमत की आयत नाज़िल हुई तो सहाबए किराम एक दूसरे के पास चल कर जाते और कहते : शराब को हराम क़रार दिया गया है और उसे शिर्क के बराबर क़रार दिया गया है।
*✍🏼معجم الكبير*

     हज़रते अब्दुल्लाह बिन उमर رضي الله عنه का मौक़िफ़ ये है कि शराब पीना सब से बड़ा कबीरा गुनाह है।
     बिलाशुबा शराब सब बुराइयो की जड़ है और कई अहादिष में शराबी पर लानत आई है।

*_शराब की मज़म्मत में फरमाने मुस्तफा_*
     जो शख्स शराब पिये उस को कोड़े मारो फिर अगर दोबारा पिये तो उस को कोड़े लगाओ फिर दोबारा पिये तो कोड़े लगाओ फिर चौथी बार पिये तो उस को क़त्ल कर डालो।
*✍🏼ترمذى*

     जो दुन्या में शराब पियेगा तो आख़िरत में उस पर शराबे तहुर हराम कर दी जाएगी।
*✍🏼مسلم*

     शराबी अगर बगैर तौबा किये मर जाए तो बूत परस्त शख्स की तरह अल्लाह से मिलेगा।
*✍🏼مسند احمد، مسند عبدالله بن عباس بن عبدالمطلب*
*✍🏼76 कबीरा गुनाह* 70

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मिट जाऐ गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से,
गर होजाए यक़ीन के.....
*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*
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