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Tuesday 31 October 2017

*गुनाहे कबीरा नंबर 35* #01
بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ
اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ

*_दुन्या के लिये इल्म सीखना और इल्म छुपाना_* #01
     अल्लाह इर्शाद फ़रमाता है :
_अल्लाह से उस के बन्दों में वही डरते है जो इल्म वाले है।_
*✍🏼فاطر ٢٨*
_बेशक वो जो हमारी उतारी हुई रौशन बातों और हिदायत को छुपाते है बाद इस के कि लोगो के लिये हम उसे किताब में वाजेह फरमा चुके उन पर अल्लाह की लानत और लानत करने वालो की लानत।_
*✍🏼البقرة ١٧٤*
_और याद करो जब अल्लाह ने अहद लिया उन से जिन्हें किताब अता हुई कि तुम ज़रूर उसे लोगो से बयान कर देना और न छुपाना तो उन्हों ने उसे अपनी पीठ के पीछे फेक दिया।_
*✍🏼ال عمران ١٨٧*
*_हुसुले इल्म के मुतअल्लिक़ फरमाने मुस्तफा_*
     जिस शख्स ने रिज़ाए इलाही के लिये तलब किया जाने वाला इल्म फ़क़त दुन्यवी सामान हासिल करने के लिये सिखा वो बरोज़े क़यामत जन्नत की खुश्बू भी न सूंघ पाएगा।
*✍🏼ابو داود*
     इल्म इस लिये मत सीखो कि इस के ज़रीए तुम उलमा पर फख्र जताओ या जाहिलों से झगड़ो और न इस लिये इल्म सीखो कि इस के ज़रीए मजलिसों में मकामो मर्तबा हासिल करो और जो इस निय्यत से इल्म हासिल करेगा तो उस के लिये जहन्नम की आग है।
*✍🏼ابن ماجة*
बाक़ी अगली पोस्ट में..أن شاء الله
*✍🏼76 कबीरा गुनाह* 125

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मिट जाऐ गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से,
गर होजाए यक़ीन के.....
*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*
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