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Tuesday 21 November 2017

*गुनाहे कबीरा नंबर 55*
بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ
اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ

*_गैरुल्लाह का नाम ले कर ज़बह करना_*
     मसलन ब वक़्ते ज़बह بسم الله الله اكبر की जगह यूँ कहे : باسم سيدى الشيخ यानी में अपने फुला शैख़ के नाम पर जबह करता हु।
     अल्लाह इर्शाद फ़रमाता है : और उसे न खाओ जिस और अल्लाह का नाम न लिया गया और वो बेशक हुक्म अदूली है।
*✍🏼الانعام ١٢١*
     फरमाने मुस्तफा ﷺ : जो गैरुल्लाह के नाम पर जबह करे और जो गुलाम खुद को अपने आक़ा के इलावा किसी और की तरफ मन्सूब करे उस पर अल्लाह ने लानत फ़रमाई और वालिदैन के ना फरमान और दूसरे की ज़मीन हथियाने के लिये ज़मीन की हुदूद मिटा देने वाले पर भी अल्लाह ने लानत फ़रमाई है।
*✍🏼مستدرك حاكم*
     जो गैरुल्लाह के नाम के साथ ज़बह करे उस पर अल्लाह ने लानत फ़रमाई।
*✍🏼مستدرك حاكم*
*✍🏼76 कबीरा गुनाह* 179

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मिट जाऐ गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से,
गर होजाए यक़ीन के.....
*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*
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*​DEEN-E-NABI ﷺ*
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