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Tuesday 12 December 2017

*तज़किरतुल अम्बिया* #02
بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ
اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ

*_अम्बियाए किराम की तादाद_*
     अगर्चे मशहूर रिवायत है कि अम्बियाए किराम عليه السلام की तादाद एक लाख चोबीस हज़ार है लेकिन एक रिवायत में दो लाख चोबीस हज़ार का भी ज़िक्र है। एक रिवायत में आठ हज़ार का भी ज़िक्र है। इसलिये बेहतर ये है कि अक़ीदा यह हो कि जितने अम्बियाए किराम रब तआला की तरफ से आये है सब बरहक़ है उन तमाम पर हमारा ईमान है खास तादाद ज़िक्र न की जाये, क्यों की ऐसा न हो कि यह तादाद पर ईमान लाये और वाक़ई में ज़्यादा हो, या ऐसा न हो कि यह ज़्यादा तादाद पर ईमान लाये और वाक़ई में कम हो।
     *तंबीह* : अम्बियाए किराम की तादाद का हमें यक़ीनी इल्म नहीं क्यूंकि रिवायत मुख़्तलिफ़ है इस से यह लाज़िम नहीं आता कि नबी करीम ﷺ को भी इल्म नहीं था इसी तरह तफसिलन अम्बियाए किराम के वाकियात को न ज़िक्र करने का भी यह मतलब नहीं है कि आप पर बज़रिये वही (क़ुरआन) कई अम्बियाए किराम के हालात ज़ाहिर नहीं किये गये अगर बज़रिये वही (क़ुरआन) आप को खबर दी जाती तो हमें भी इल्म हासिल होता। यह दुरुस्त नहीं क्योंकि नबी ﷺ के अपने इल्म का यह आलम है।
     बेशक नबी ﷺ उस वक़्त तक दुन्या से तशरीफ़ नहीं ले गये यहाँ तक कि अल्लाह ने आपको दुन्या व आख़िरत के तमाम गैबी उलूम अता फरमा दिये, अलबत्ता बाज़ चीजों के छुपाने का आप को हुक्म दिया गया था।

*_रसूलों और आसमानी किताबो की तादाद_*
     तमाम अम्बियाए किराम عليه السلام में से बाज़ ज़्यादा मर्तबा वाले नबी हुए है जिन को रसूल कहा जाता है उन रसूलों की तादाद तिन सो तेरह (313) है और आसमानी किताबों की तादाद कुल एक सो चार (104) है। चार के मुस्तकिल नाम है, तौरेत, इंजील, ज़बूर, क़ुरआन और एक सो के मुस्तकिल नाम नहीं बल्कि उनको सहिफे कहा जाता है।
*✍🏼तज़किरतुल अम्बिया* 23
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मिट जाऐ गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से,
गर होजाए यक़ीन के.....
*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*
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