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Friday 15 December 2017

*तज़किरतुल अम्बिया* #05
بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ
اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ
*कौन नबी नहीं हो सकते ?*
     मोअन्नस को नबी नहीं बनाया गया क्यूंकि तब्लीगे दीन उनसे मुमकिन नहीं। नबी को घर से बाहर मर्दों के हुजूम और मजालिस में अहकाम इलाहिया पहुंचाने होते है यह काम मोअन्नस से नहीं हो सकते।
     गुलाम नबी नहीं हो सकता क्योंकि गुलाम दूसरे लोगों की नज़र में हक़ीर होता है और मालिक की इजाज़त के बगैर कोई काम नहीं कर सकता इसलिये उससे तब्लीगे अहकाम दीन मुमकिन नहीं।
     जिन्न और फ़रिश्ते नबी नहीं बनाए गये। जीन्स का जीन्स से फायदा हासिल करना तो मुमकिन होता है लेकिन दूसरी जीन्स से फायदा हासिल करना मुश्किल होता है इस लिये इंसानों को फायदा पहुचाने के लिये नबी का इन्सान होना ज़रूरी है इसलिये अल्लाह ने इर्शाद फ़रमाया :
     अगर हम नबी को फ़रिश्ता बनाते जब भी उसे मर्द ही बनाते। (अनआम 6)
     यह उन बताया गया है जो अम्बियाए किराम عليه السلام को अपने जैसा बशर कह कर ईमान से महरूम होते थे कि हम उस पर ईमान क्यों लाये तो अल्लाह ने फ़रमाया कि नबी की तालीम से फैज़ हासिल करने का यही तरीक़ा है कि नबी इन्सानी शक्ल में भेजा जाये ताकि वह लोग फायदा हासिल कर सके। अगर फ़रिश्ते को नबी बनाते तो उसे असली शक्ल में देखने की इन्सानो में ताकत ही न होती। अगर फ़रिश्ते को नबी बनाया भी होता तो इन्सानी शक्ल में ही आता ताकि लोग उससे फैज़ हासिल कर सके।
*✍🏼तज़किरतुल अम्बिया* 25
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मिट जाऐ गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से,
गर होजाए यक़ीन के.....
*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*
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*​DEEN-E-NABI ﷺ*
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