Pages

Monday 18 December 2017

*तज़किरतुल अम्बिया* #09
بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ
اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ
*हज़रत आदम स्फीउल्लाह عليه السلام*
#01
*_अल्लाह का फरिश्तों से मशवरा_*
     अल्लाह ने हज़रत आदम عليه السلام की तख़्लीक़ से पहले फरिश्तों से मशवरा किया।
     और याद कीजिए ! जब आपके रब ने फरिश्तों से फ़रमाया बेशक में बनाने वाला हूँ ज़मीन में (अपना) नायब। (बक़रह 30)

*_मशवरा करने की हिकमत_*
     अल्लाह का फरिश्तों से फरमाना कि में ज़मीन में खलीफा बनाने वाला हूँ मआजअल्लाह उनसे इजाज़त तलब करना मक़्सूद नहीं था बल्कि सिर्फ मशवरा तलब करना था और वह भी ऐहतेयाजी या ला इल्मी की वजह से नहीं, क्योंकि अल्लाह किसी अम्र में किसी का मोहताज नहीं बल्कि मशवरा तलब करने में हिकमत यह थी कि इसमें फरिश्तों और खलीफा का इकराम पाया जाये, क्योंकि रब तआला का फरिश्तों से मशवरा तलब करने में फरिश्तों की अज़मते शान वाजेह होती है और खलीफा के मुतअल्लिक़ मशवरा करने में खलीफा की अज़मत भी वाज़ेह होती है कि उसकी तख़्लीक़ से पहले ही उसका नूरानी मख्लूक़ में ज़िक्र हो रहा है।

*_हदिष मरफुअ_*
     बेशक मेरे रब ने मेरी उम्मत के बारे में मुझसे मशवरा तलब फ़रमाया।
     यह मशवरा तलब करना भी उसी हिकमत के पेशे नज़र था कि इसमें हुज़ूर ﷺ और आपकी उम्मत की इज़्ज़त अफ़ज़ाई हो। अल्लाह ने अपनी ला इल्मी या ऐहतेयाजी के तौर पर मआजअल्लाह नबी ﷺ से मशवरा नहीं किया। इसी तरह अल्लाह ने हुज़ूर ﷺ को हुक्म फ़रमाया : आप इनसे, उमुर में मशवरा करें।
     यहाँ सहाबा से मशवरा करने का हुक्म इस लिये नहीं दिया गया कि आप सहाबा के मशवरे के मोहताज थे बल्कि सहाबा की इज़्ज़त अफ़ज़ाई के लिये मशवरे का हुक्म दिया गया।
     और इस वजह से भी अल्लाह ने फरिश्तों से मशवरा किया और नबी ﷺ को सहाबा से मशवरा करने का हुक्म दिया गया कि लोग इससे सबक़ हासिल करें और अपने मामलात में एक दूसरे से मशवरा किया करें।
*✍🏼तज़किरतुल अम्बिया* 27
●•●┄─┅━━━━━★✰★━━━━━┅─●•●
मिट जाऐ गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से,
गर होजाए यक़ीन के.....
*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*
●•●┄─┅━━━━━★✰★━━━━━┅─●•●
*​DEEN-E-NABI ﷺ*
📲JOIN WHATSAPP
📱+91 9723 654 786
📧facebook.com/deenenabi
📧Deen-e-nabi.blogspot.in
📧https://www.youtube.com/channel/UCuJJA1HaLBLMHS6Ia7GayiA

No comments:

Post a Comment