*तज़किरतुल अम्बिया* #45
بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ
اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ
*हज़रत आदम स्फीउल्लाह عليه السلام*
#39
*शैतान ने कहा से वस्वसा वाली गुफ्तगू की?*
शैतान ने आदम عليه السلام से जो गुफ्तगू की वह क़वी वसवसों के ज़रिये की। उसने ज़मीन से ही वस्वसे की ज़बान में वह कुछ कह दिया जो कहना चाहता था जब से उसे जन्नत से निकाल दिया गया फिर उसे आसमानों पर चढ़ने की न इजाज़त थी न ही वह चढ़ सका। क़ुरआन या किसी हदिष में वारिद नहीं हुआ कि शैतान आदम व हव्वा के पास जन्नत में पहुंचा हो क़ुरआन में तो सिर्फ यही अलफ़ाज़ वारी है "उन दोनों को शैतान ने वस्वसे में डाल दिया" और सूरह ताहा आयत 120 में है "शैतान ने उन को वस्वसे में दाल दिया"।
शैतान को वस्वसे में डालने के लिये जिस्मानी तौर पर किसी के पास जाना ज़रूरी नहीं और न ही यह ज़रूरी है कि वह जिसे वस्वसे में डाले वो उसे देखे भी।
*तंबीह* : जिन अक़वाल में शैतान का सांप के ज़रिये जन्नत में जाना साबित है या शैतान का जन्नत के दरवाज़े पर बैठकर वस्वसे में डालने का ज़िक्र है वह बनी इस्राइल के मन घडत अक़वाल है। इब्ने क़ासिर ने कहा: "यहाँ मुफ़स्सिरीन ने कई इस्राइली खबरे नक़्ल कर दी है इमाम रज़ा फ़रमाते है: ज़रूरी है कि ऐसी रिवायत की तरफ बिल्कुल इलतिफ़ात न किया जाये"।
*फायदा* : शैतान को अल्लाह ने इतने तसर्रुफात की ताक़त दे दी है कि वह कहीं भी लोगों के दिलों में वस्वसे डाल लेता है और हज़रत इज़राइल मलकुल मौत फ़रिश्ते को इतनी ताक़त हासिल है कि वह एक लम्हे में तमाम रुए ज़मीन के कोने कोने में रूह क़ब्ज़ कर सकते है और हुज़ूर ﷺ को अल्लाह ने उनसे ज़्यादा तसर्रुफात की ताक़त दी है तो इसमें दूसरे किसी का क्या नुक़्सान? आप अपने उम्मती की हालते ज़ार को देखे उसकी हाजत को पूरा करें वह कहीं भी हो? उसमें न तो कोई शिर्क है और न ही आक्लन मुहाल है।
*✍🏼तज़किरतुल अम्बिया* 48
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मिट जाऐ गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से,
गर होजाए यक़ीन के.....
*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*
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