*तज़किरतुल अम्बिया* #62
بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ
اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ
*हज़रत عليه السلام की वफ़ात*
जब आदम عليه السلام का आखरी वक़्त आया तो आप को जन्नती मेवे खाने की ख्वाहिश हुई अपने फर्ज़नदों से कहा कि काबा जाओ और वहां दुआ करो कि अल्लाह मेरी यह तमन्ना पूरी करे। आदम عليه السلام के फ़रज़न्द यह हुक्म पाकर वहां पहुंचे उन्हें हज़रत जिब्राइल और दूसरे फ़रिश्ते मिले जिन से उन्होंने आदम عليه السلام की फरमाइश का ज़िक्र किया, फरिश्तों ने कहा हमारे साथ आओ हम जन्नत के मेवे अपने साथ लाये है।
चुनान्चे यह आदम عليه السلام के पास पहुंचे, हज़रत हव्वा उन फरिश्तों को देखकर डरने लगी और चाहा कि आदम عليه السلام के दामन में छुप जायें, उन्होंने फ़रमाया कि हव्वा अब तुम मुझसे अलग रहो मेरे और रब के कासिदों के दर्मियान आड़ न बनो इस तरह फरिश्तों ने आदम عليه السلام की रूह क़ब्ज़ कर ली।
*✍🏼तज़किरतुल अम्बिया* 62
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मिट जाऐ गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से,
गर होजाए यक़ीन के.....
*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*
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मिट जाए गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से, गर होजाये यक़ीन के.. अल्लाह सबसे बड़ा है..अल्लाह देख रहा है..
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