*तज़किरतुल अम्बिया* #67
بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ
اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ
*इदरीस عليه السلام का आसमानों पर उठाया जाना* #02
हज़रत कअब अहबार वगैरा से मरवी है कि हज़रत इदरीस عليه السلام ने मलकुल मौत जिब्राइल عليه السلام से फ़रमाया कि में मौत का मज़ा चखना चाहता हूँ केसा होता है? तुम मेरी रूह क़ब्ज़ कर के दिखाओ उन्होंने आप के हुक्म की तामील की, रूह क़ब्ज़ करके फिर उसी वक़्त लौटा दी आप ज़िन्दा हो गये।
फिर आप ने फ़रमाया मुझे जहन्नम दिखा दो ताकि खौफे इलाही ज़्यादा हो आप के इर्शाद की तामील करते हुए आप को जहन्नम के दरवाज़े पर ले जाया गया। आपने मालिक नामी फ़रिश्ता जो जहन्नम का दरोगा है, उससे फ़रमाया खोलो में इससे गुज़रना चाहता हूँ चुनान्चे ऐसा ही किया गया और आप उस पर से गुज़रे। फिर आप ने मलकुल मौत से फ़रमाया मुझे जन्नत दिखाओ वह आपके हुक्म के मुताबिक़ आपको जन्नत के पास ले गये आप ने जन्नत के दरवाज़े खोलने को इर्शाद फ़रमाया तो आपके लिये जन्नत के दरवाज़े खोल दिये गये आप जन्नत में तशरीफ़ ले गये।
मलकुल मौत ने कुछ देर इंतज़ार करने के बाद फ़रमाया, कि अब आप चले ज़मीन में अपने मक़ाम पर तशरीफ़ ले चले आप ने फ़रमाया कि में तो यहाँ से कहीं नहीं जाऊंगा क्योंकि अल्लाह ने फ़रमाया: कुल्लू नफसीन ज़ाइक़तुल मौत, हर नफ़्स को मौत का मज़ा चखना है।
में मौत का ज़ायक़ा चख चूका हूँ फिर अल्लाह ने जन्नत में दाखिल होने की यह शर्त लगाई है कि हर शख्स को जहन्नम पर गुज़रना है में जहन्नम से भी गुज़र कर आ चूका हूँ। अब में जन्नत में दाखिल हो चूका हूँ, जो लोग जन्नत में दाखिल हो जाते है उन्हें वहां से निकाला नहीं जा सकता क्योंकि अल्लाह का अपना इरशादे गिरामी है जन्नत वालों को जन्नत से नहीं निकाला जायेगा। अल्लाह के अपने इर्शादात के मुताबिक़ मुझे यहीं रहना है यहाँ से मुझे नहीं निकाला जा सकता।
हज़रत इदरीस عليه السلام के इस कलाम के बाद अल्लाह ने मलकुल मौत को फ़रमाया: ऐ इज़राइल मेरे बन्दे इदरीस ने सब काम मेरी मर्ज़ी से किया इन्हें यहाँ रहने दो। आप عليه السلام अभी तक आसमानों में ज़िन्दा है।
*तंबीह* : हज़रत इदरीस عليه السلام के दलायल में क़ुरआन के अलफ़ाज़ मुबारका ज़िक्र है जो उस वक़्त नाज़िल अगर्चे नहीं हुआ था लेकिन अल्लाह का कलाम क़दीम है लौहे महफूज़ पर उस वक़्त भी तहरीर था, नबी चुकीं ग़ैब का इल्म अल्लाह की अता से रखते है इसीलिये हज़रत इदरीस عليه السلام की नज़र लौहे महफूज़ पर थी लिहाज़ा क़ुरआन से आप का इस्तिदलाल दुरुस्त है।
*✍🏼तज़किरतुल अम्बिया* 64
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मिट जाऐ गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से,
गर होजाए यक़ीन के.....
*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*
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