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Friday 9 February 2018

राशन में बे बरकती*

*राशन में बे बरकती*
بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ
اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ
     आज कल ये शिकवा भी आम है कि पहले जितना राशन महीने भर चलता था, अब 15 दिन में ही खत्म हो जाता है। काश! कि हम इस पर भी गौर कर लेते कि खाना खाते वक़्त इब्तिदा में *बिस्मिल्लाह शरीफ* पढ़ लेते है या नहीं?

*शैतान की शिरकत*
     खाने या पिने से पहले बिस्मिल्लाह पढ़ना सुन्नत है। हज़रते हुज़ैफा رضي الله عنه रिवायत करते है कि हुज़ूर ﷺ का फरमान है: जिस खाने पर बिस्मिल्लाह न पढ़ी जाए शैतान उस खाने में शरीक हो जाता है।
*✍🏼सहीह मुस्लिम*
     इस लिये खाने से पहले बिस्मिल्लाह न पढ़ने से  खाने की बरकत ज़ाइल हो जाती है। अगर एक भी शख्स बगैर बिस्मिल्लाह पढ़े खाने में शामिल हो जाए तो भी खाने से बरकत ज़ाइल हो जाती है।
     हज़रत अय्यूब अंसारी رضي الله عنه फ़रमाते है, हम हुज़ूर ﷺ की खिदमते बा बरकत में हाज़िर थे। खाना पेश किया गया, इब्तिदा में इतनी बरकत हम ने किसी खाने में नहीं देखी, मगर आखिर में बड़ी बे बरकती देखी। हम ने अर्ज़ की, या रसूलल्लाह ﷺ ऐसा क्यूं हुवा? फ़रमाया हम सब ने खाना खाते वक़्त बिस्मिल्लाह पढ़ी थी। फिर एक शख्स बगैर बिस्मिल्लाह पढ़े खाने को बैठ गया, उस के साथ शैतान ने खाना खा लिया।

     उलमाए किराम फ़रमाते है, नाखूनों का बढ़ा हुवा होना भी तंगिये रिज़्क़ का सबब है। (40 दीन से ज़्यादा नाख़ून बढ़ाना मकरुहे तहरिमी है)
*✍🏼तंगदस्ती के अस्बाब और उन का हल* 9
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मिट जाऐ गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से,
गर होजाए यक़ीन के.....
*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*
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